۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
क़ुम

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम में "भारतीय शोधकर्ताओं की परिषद" के धर्म विभाग द्वारा "उत्तर प्रदेश के हिंदुओं के बीच इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी " विषय पर एक इल्मी सत्र का आयोजन किया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क़ुम में भारतीय शोधकर्ताओं की परिषद के धर्म विभाग द्वारा "उत्तर प्रदेश के हिंदुओं के बीच इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी " विषय पर एक इल्मी सत्र का आयोजन किया गया।

हौज़ा ए इल्मिया क़ुम में भारतीय विद्वानों, बुद्धिजीवियों और विद्वानों के एक वैज्ञानिक और अनुसंधान केंद्र, भारतीय शोधकर्ताओं की परिषद के धर्म विभाग द्वारा "उत्तर प्रदेश के हिंदुओं के बीच इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी" नामक एक शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें हुज्जतुल -इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद अहसान अहमद साहब ने इस विषय पर अपनी रिसर्च प्रस्तुत पेश की।

सत्र में एसोसिएशन ऑफ रिसर्चर्स ऑफ इंडिया के सचिव हुज्जतुल-इस्लाम वल मुसलेमीन मौलाना मुहम्मद बाकिर रजा सईदी ने भी भाग लिया। हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के भारतीय गणमान्य व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों के अलावा, परिषद के धर्म विभाग के सदस्य भी शामिल थे। सत्र में भारत के शोधकर्ता भी शामिल हुए।  हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना जौन आबिदी सत्र के संचालक थे।

उत्तर प्रदेश के हिंदुओं के बीच इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी के संबंध में आयोजित सत्र की शुरुआत कुरआन मजीद की आयतो के पाठ के साथ हुई और उसके बाद फाजिल मोहकिक मोहतरमा ने अपने विषय को विस्तार से बताया और उत्तर प्रदेश के हिंदुओं के बीच इमाम हुसैन (अ.स.) अजा़ादारी पर प्रकाश डाला।

हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद एहसान अहमद साहब ने अपने परिचयात्मक भाषण में अज़ादारी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं की अजादारी न केवल हमें इमाम हुसैन (अ.स.) की महानता का एहसास कराती है बल्कि उनके दिलों की "कोमलता" और सच्चाई को स्वीकार करने की भावना को भी दर्शाता है।

उन्होंने आगे बताया कि यह केवल हिंदुओं में गरीब ही नहीं है जो शोक करते हैं बल्कि अमीर और गरीब, बड़े और छोटे, इमाम हुसैन (अ.स.) के शोक में उनकी स्थिति के अनुसार भाग लेते हैं। उन्होंने इमाम हुसैन (अ.स.) के लिए अज़ादारी करने में अक्सर शियाओं की नकल की है।

हिन्दुओं में अज़ादारी और झंडा फहराने के अलावा इमाम हुसैन (अ.स.) के संबंध में शोक और काव्य पाठों की लंबी कतार है और उनके प्रेम की जीवंत मिसाल पेश करने वाले कवियों की लंबी फेहरिस्त है।

बैठक में धर्म विभाग के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद अली जै़ग़म, और हौज़ा ए इल्मिया क़ुम में काउंसिल ऑफ रिसर्चर्स ऑफ इंडिया के मुसलमान शामिल थे।

सत्र के अंतिम भाग में प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें श्रोताओं ने विषय से संबंधित प्रश्न पूछे।

गौरतलब है कि इस सत्र का ऑनलाइन प्रसारण एसोसिएशन ऑफ रिसर्चर्स ऑफ इंडिया के फेसबुक पेज और मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की साइट से भी किया गया था।

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